Khelne Na Jaao Maiyya Gwalini Khijawe Mohe
खेलने न जाऊं मैया ग्वालिनी खिजावे मोहे
खेलने न जाऊं मैया ग्वालिनी खिजावे मोहे ।
पीत बसन गुंज माला लेती है छुडायके ॥ध्रु०॥
कोई तेरा नाम लेके लागी गारी मोकु देण ।
मैं भी वाकूं गारी देके आयहुं पलायके ॥ खे०॥१॥
कोई मेरा मुख चुंबे भवन बुलाय केरी ।
कांचली उतार लेती देती है नचायके ॥ खे०॥२॥
सूरदास तो तलात नमयासु कहत बात हांसे ।
उठ मैया लेती कंठ लगायके । खेलनेन जाऊं ॥ खे०॥३॥
– Surdas